Sarvanam in Hindi  – सर्वनाम की परिभाषा – सर्वनाम के भेद

सर्वनाम की परिभाषा – Sarvanam Kise Kehte Hain

Sarvanam ki Paribhasha:- किसी वाक्य में संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्द को ही Sarvanam कहते हैं। इसका प्रयोग वाक्य में संज्ञा के बार-बार उपयोग करने से बचने के लिए किया जाता है। सर्वनाम वाक्य को सुशोभित बना देता है। इससे वाक्य और अच्छा बन जाता है। जैसे इन sarvanam in Hindi वाक्य समूहों को देखे:

सुरेश रोज सुबह उठता है। सुरेश हर सुबह विद्यालय भी जाता है। सुरेश अपने कक्षा का सबसे अच्छा विद्यार्थी है। 

जब आप इन वाक्यों को देखेंगे, तो आप पाएंगे कि इसमें सुरेश का कई बार प्रयोग किया गया है। जो देखने में अच्छा नहीं लगता। इसकी जगह पर अगर हम सर्वनाम का प्रयोग करेंगे, तो यह देखने में अच्छा लगेगा और संज्ञा के बार-बार प्रयोग करने से हम बच पाएंगे। इसे Sarvanam ke Udaharan के साथ देखें।

सुरेश रोज सुबह उठता है। वह हर सुबह विद्यालय भी जाता है। वह अपने कक्षा का सबसे अच्छा विद्यार्थी है। 

Sarvanam के उदाहरण

वह, ये, ये लोग, तुम, आप, क्यू, कब, किसलिए, किसको इत्यादि।

सर्वनाम की विशेषताएं

  • सर्वनाम शब्द का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है।
  • सर्वनाम के प्रयोग से वाक्य को अच्छा और सुंदर बनाया जा सकता है।
  • सर्वनाम के प्रयोग से वाक्य सुंदर और स्पष्ट हो जाता है।
  • सर्वनाम का मुख्य कार्य संज्ञा के बार बार प्रयोग से बचना है। 
  • किसी वाक्य में सर्वनाम के पहले कम से कम एक बार संज्ञा का प्रयोग आवश्यक होता है।

Sarvanam ke Bhed – सर्वनाम के भेद – Sarvanam ke Prakar 

Sarvanam ke Prakar:- सर्वनाम के मुख्यत: भेद छः होते हैं। इन्ही के अंतर्गत पूरे सर्वनाम को रखा जाता है। आईए इसे हम विस्तार से Sarvanam ke bhed जानते है।

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  5. संबंधवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

आईए अब हम इन Sarvanam ke bhed को एक एक करके देखते है।

1. पुरुषवाचक सर्वनामPurush Vachak Sarvanam

किसी भी प्रसंग में वक्ता के सामने तीन प्रकार के पुरुष अर्थात व्यक्ति होते हैं। पहला वह स्वयं, दूसरा सुनने वाला और तीसरा कोई अन्य व्यक्ति जिसके बारे में बात किया जाता है। इन तीनों को ही Purush Vachak Sarvanam के नाम से जाना जाता है। Purush Vachak Sarvanam कुछ इस प्रकार से होते है।

i) उत्तम पुरुष: जो व्यक्ति कुछ बोलता है या लिखता है और कुछ बात करता है उसे उत्तम पुरुष कहते है। जैसे: में, मेरा, हमारा इत्यादि

ii) मध्यम पुरुष: वक्ता या लेखक जिससे अपनी बात कहता है उसे मध्यम पुरुष कहा जाता है। जैसे तुम, तुम्हारा, तुमको, तुम्हें इत्यादि।

iii) अन्य पुरुष: जिसके बारे में कहा जाता है या लिखा जाता है उसे उत्तम पुरुष कहा जाता है। जैसे: वह, वे, वे लोगों, उन्हें इत्यादि।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम – Nishchay Vachak Sarvanam

किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु, घटना या क्रम के लिए उपयोग होने वाले सर्वनाम  को निश्चयवाचक सर्वनाम (Nishchay Vachak Sarvanam) कहा जाता है। जैसे यह, इन्हें, इनका, वह, वे उन्हें इत्यादि। आइए, अब हम Nishchay Vachak Sarvanam का प्रयोग उदाहरण में देखते हैं।

  • सामने जो किताब परा है, वह मेरा है।
  • यह किताब मेरी ही है।
  • अगर तुम्हें विश्वास नहीं, तो यह संदेश पढ़ लो। 
  • यह किताब कितनी उपयोगी है।
  • राम का घर यह नहीं, वह है।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – Anishchay Vachak Sarvanam

किसी अनिश्चित व्यक्ति, अनिश्चित वस्तु अथवा स्थान को बताने वाले सर्वनाम को अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे: कोई, कुछ, किसी, कौन इत्यादि। आईए अब हम Anishchay Vachak Sarvanam का प्रयोग उदाहरण में देखते है।

Anishchay Vachak Sarvanam के Example:-

  • दरवाजे पर कोई खड़ा है।
  • राम कुछ कह रहा है।
  • किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी है। 
  • रास्ते में तुम कुछ खा लेना।
  • कोई तुम्हें बुला रहा है।

4. प्रश्नवाचक सर्वनाम – Parsan Vachak Sarvanam

जिन सर्वनाम शब्दो से किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के बारे में प्रश्न पूछा जाए उसे ही प्रश्नवाचक सर्वनाम (Parsan Vachak Sarvanam) कहा जाता है। जैसे: किसको, किसे, क्यू, कब, कहा इत्यादि। इन्हे उदाहरणों के माध्यम से समझे।

Parsan Vachak Sarvanam Examples:-

  • छत पर कौन बैठा है?
  • यह किताब किसने मंगवाई है?
  • तुम रात में कब तक पढ़ते हो?
  • कल सुबह तुमने किसको किताब दी थी?
  • तुम्हें और क्या चाहिए?

5. संबंधवाचक सर्वनाम – Sambandh Vachak Sarvanam

ऐसे सर्वनाम शब्द जिससे किसी वाक्य के अंदर दो बातो को जोड़ कर बताया जाए उसे ही संबंधवाचक सर्वनाम कहा जाता है। Sambandh Vachak Sarvanam के उदाहरण: जो सो, जैसा वैसा , जिसे वह इत्यादि। आईए इसे उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।

  • जो करेगा, सो भरेगा।
  • जैसा करोगे, वैसा पाओगे।
  • जिसे ही देखता हूं, वही व्यस्त है
  • जैसी करनी वैसी भरनी।
  • वह जो किताब तुमने दी थी, वह अच्छा था।

6. निजवाचक सर्वनाम – Nijvachak Sarvanam

ऐसा माना जाता है कि निजवाचक सर्वनाम पुरुषवाचक सर्वनाम का ही भेद है, परंतु कुछ व्याकरण के ज्ञाता इसे अलग मानते हैं। इससे निजता का ज्ञान होता है जैसे: स्वयं, आप, आपका, तुम्हारा इत्यादि। आईए Nijvachak Sarvanam का प्रयोग अब हम वाक्य में करके देखते हैं।

Nijvachak Sarvanam Examples:-

  • में अपना काम स्वयं करता हूं।
  • आप अपने विषय में बताईए।
  • तुम अपना कमा स्वयं करो।
  • तुम अपनी किताब को रख दो।
  • आप अपना काम अच्छे से करे।

सर्वनाम के कुछ अन्य उदाहरण – Sarvanam ke Udaharan

  • वह दिल्ली जा रहा है।
  • तुम लोग यहा कब से रहते हो?
  • क्या आप इन सभी लोगो को जानते हैं।
  • जो जैसा करेगा, उसे वैसा मिलेगा।
  • आप यहा कब से रह रहे है।
  • कब तक हमे इंतजार करना है?
  • क्या इस क्लास के बच्चे पढ़ते है?
  • यह किस विषय की किताब है?
  • यह पक्का हमारा ही किताब है।

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