Dhara 304 क्या है | धारा 304 और 302 में अंतर

IPC यानी इंडियन पीनल कोड अर्थात भारतीय दंड सहिता, इसके अंदर कुल 511 धाराएं है। धारा 304 इसी के अंदर आने वाली एक धारा है। Dhara 304 ऐसे मामलो के लिए है, जिसमे हत्या गैर इरादतन किया गया हो और हत्या का यह मामला हत्या की श्रेणी में न आता हो। इसे अक्सर लोग धारा 302 समझ लेते है। यह धारा 302 से अलग होता है। Dhara 302 भी हत्या के लिए ही लगाया जाता है। धारा 302 मुख्यत क्रिमिनल केसेस के लगाया जाता है, जहा व्यक्ति जान बूझ कर हत्या किया रहता है, जबकि धारा 304 में व्यक्ति का इरादा हत्या का नही रहता है। इसके लिए सजा और जुर्माना का भी प्रावधान है। अगर किसी के हाथो से किसी का खून हुआ है लेकिन उसने गुस्से में, किसी के दबाव में या गलती से किया है तो आपके ऊपर धारा 304 लगेगा। इसके लिए 10 साल की सजा या फिर अजीवन कारावास का प्रावधान है। इसके साथ ही Maulik Adhikar के अनुसार व्यक्ति के उपर उसके क्षमता के अनुसार आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। ये सारे फैसले कोर्ट और जज के ऊपर है की कितने सजा होगी और क्या आर्थिक दंड लगेगा। 

धारा 304 के अंदर मिलने वाली सजा

अगर किसी व्यक्ति के उपर Dhara 304 का मुकदमा सिद्ध हो गया है तो उसे अजीवन कारावास या फिर 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही इस धारा के अंतर्गत व्यक्ति को फाइन भी देना पर सकता है। फाइन व्यक्ति के आर्थिक स्थिति और उसके हालात के आधार पर होते है। व्यक्ति को कितना फाइन लगेगा इसका निर्धारण न्यालय के अधीन होता है। 

धारा 304 और जमानत का प्रावधान

भारतीय दंड सहित में इस धारा के अंतर्गत आने वाले मामलो के लिए कड़ा प्रावधान है। इसलिए इसमें कड़ी सजा मिलती है। यह एक गैर जमानती अपराध है, इसलिए इसमें बेल नही मिलता। सजा के तौर पर 10 साल तक या फिर अजीवन कारावास का भी प्रावधान है। 

धारा 304 और 302 में अंतर

आमतौर पर लोग इन दोनो ही धाराओं में अंतर नही समझ पाते वजह है दोनो धाराओं के नियम एक जैसा लगना। लेकिन दोनो बिलकुल अलग है इसे एक उदहारण से समझिए। मान लीजिए कोई व्यक्ति है जिसका किसी व्यक्ति से झगड़ा हो गया, दोनो आपस में बहस करते करते हाथापाई पर उतर आए इसी बीच एक व्यक्ति ने दूसरे को धक्का दिया और वह गिर कर मर गया। इस प्रकार से उसके ऊपर Dhara 304 लगेगा क्युकी उसने हत्या के इरादे से उसे धक्का नही दिया था। ठीक इसी प्रकार मान लीजिए कि वे दोनो व्यक्ति आपस में बहस कर के चले जाते फिर एक व्यक्ति बदला लेने के लिए इसके घर जाके उसकी हत्या कर देता है, तब उसपे धारा 302 लगता, क्युकी उसने अपने आप जान बूझ कर हत्या किया है। धारा 302 के अंतर्गत मृत्यु दण्ड दिया जा सकता है जबकि Dhara 304 में अधिकतम उम्र कैद दिया जा सकता है।

Leave a Comment