Dhara 144 Kya Hai, धारा 144 कब लगती है?

Dhara 144 एक जाना माना धारा है। जिसे हम अक्सर खबरों में पढ़ते है। यह अक्सर शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए लगाया जाता है। इसके साथ ही यह चुनाव के वक्त भी लगाया जाता है। किसी स्थान पर दंगे की स्थिति या अराजकता के स्थिति में भी इस धारा को लगाया जाता है। इस धारा के नियमो के अनुसार अगर किसी जगह Dhara 144 लगा दी गई है तो उस जगह पर 4 से अधिक लोग एक साथ इक्कठे नही हो सकतें है। इसको लगाने का एक ही मकसद होता है लोगो के एक जगह इकठ्ठा होने से रोकना, कई बार किसी अफवाह या भड़काऊ भाषण की वजह से भिड़ दंगे में बदल जाती है, इसलिए भी यह धारा लगाया जाता है। तनाव की स्थिति में भी भिड़ हिंसक रूप न लेले इसलिए इसको लगाया जाता है। 

कौन लगाता है धारा 144

सीआरपीसी की धारा 144, मुख्यत: सुरक्षा अथवा स्वास्थ्य संबधी किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका होने पर जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करके इसे लगाता है। यह Dhara 304 से बिलकुल अलग होती है| इसके बाद पूरे इलाके में 4 या इससे अधिक लोगो के एक जगह पर इक्ट्ठा होने की मनाही होती है। जरूरत पड़ने पर इलाके में इंटरनेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ये सभी मापदंड स्तिथि के अनुसार घट या बढ़ सकते है। जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाती है वैसे ही Dhara 144 हटा दिया जाता है। इसके बाद इलाको में सामान्य स्थिति हो जाती है।

Dhara 144 का इतिहास

इस धारा को सीआरपीसी यानी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर के नाम से भी जाना जाता है। इस धारा को राज रत्न देबू ने तैयार किया था। इसे सबसे पहले वर्ष 1861 में बड़ौदा स्टेट में लगाया गया था। तब से इस धारा का प्रयोग हो रहा है। 

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Dhara 144 की अवधि

Dhara 144 अधिकतम 2 माह तक लगाया जा सकता है। इससे अधिक इसे नही लगाया जा सकता। कुछ विशेष मामलो में राज्य सरकार के आदेश पर इसे 2 माह और बढ़ाया जा सकता है लेकिन 6 माह से अधिक तक नही। जैसे ही इलाके में स्तिथि सामान्य हो जाती है तो इसे तुरंत हटा दिया जाता है। 

धारा 144 के उलंघन पर मिलने वाली सजा

कोई भी व्यक्ति या समूह जो Dhara 144 लगने पर गैर-कानूनी तरीके से भिड़ लगाता है या भिड़ में सामिल होता है। ऐसे व्यक्ति या समूह पर कानूनी कारवाई की जा सकती है, इसमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा इसमें पकड़े गए व्यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हालाकि यह एक जमानतीय अपराध है। और इसमें पकड़े जाने पर आप बेल पर रिहाई करा सकते हैं। 

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धारा 144 और कर्फ्यू में अंतर

कई बार हम धारा 144 और कर्फ्यू को एक ही समझ लेते है, लेकिन दोनो अलग अलग नियम है। धारा 144 में जरूरत की चीजे आसानी से मिल जाती है। इसके साथ इसमें घर से निकलने की मनाही नहीं होती है, बस आप भिड़ नही लगा सकते। हालाकि कर्फ्यू ज्यादा कड़ा कानून होता है, इसमें घर से निकलने पर भी रोक होता है। चारो ओर सड़को पर सेना के जवान दिखाई परते है। Dhara 144 का मतलब है की आप किसी भी तरह से भिड़ नही लगा सकते। हालाकि कर्फ्यू में घर से निकलना भी मना होता है। हर तरह की गतिविधियों पर रोक रहता है। 

Dhara 144 और इसकी आलोचना

Dhara 144 का समय-समय पर आलोचना किया जाता है रहा है। ऐसा कहा जाता है की इस धारा का प्रयोग सरकारें अपने खिलाफ विरोध प्रदर्शन में करती है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था की, जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करे कि धारा लगाना आवश्यक है तभी इस धारा का प्रयोग करे। कुल मिला कर इस धारा का प्रयोग सही चीजों में किया जाना चाहिए।

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